अब क्या करोगे बालू ??


Manjeet Negi


खबर टीआर बालू और करूणानिधि के लिये अच्छी नही है...बालू हर हाल में सेतुसमुद्रम योजना को लागू करना चाहते थे, जबकि करूणानिधि ने कहा कि कौन राम, कोई प्रमाण तो है नही...लेकिन
सेतुसमुद्रम परियोजना पर अब कोस्ट गार्ड ने भी चिंता जता दी है। पहले नौसेना भी अपनी आशंका जाहिर कर चुकी थी। कोस्ट गार्ड ने कहा है कि इससे न सिर्फ कनाल से गुजरने वाले जहाज लिट्टे के निशाने पर रहेंगे बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा के लिये भी खतरा बन सकते हैं ।कोस्ट गार्ड के महानिदेशक आर एस कॉन्ट्रैक्टर ने कहा है कि इस परियोजना से भारत की समुद्री सीमा की सुरक्षा को खतरा पैदा हो सकता है... साथ ही पर्यावरण संतुलन भी गड़बड़ायेगा। अब सवाल ये कि दरअसल कोस्टगार्ड के एक महानिदेशक की क्या औकात, कि वो एसे गरम मुद्दे पर ऐसा बयान दे दे। बीजेपी और संघ इस मुद्दे को पूरी तरह भुनाने को तैयार है...एसे में 1991 का राम मंदिर आंदोलन की गलती करने को कांग्रेस तैयार नही है। लिहाजा कंही ये केन्द्र सरकार का ईशारा तो नही जिस पर कॉन्ट्रेक्टर महोदय काम कर रहे हो। आखिर एक अदद वजह तो चाहिये कि परियोजना से हटा जाये। गठबंधन के साथियो को जबाव भी तो देना है। दरअसल सेतुसमुद्रम बनने से भारत और श्रीलंका के बीच तीन सौ मीटर का गलियारा बनेगा.... ये गलियारा 12 मीटर तक गहरा होगा... इस परियोजना के पूरा होने पर... जहाजों को पूर्वी घाट से पंश्चिमी घाट तक पहुंचने में.... 22 घंटे कम समय लगेगा । साथ ही साढ़े तीन सौ किलोमीटर तक सफर कम हो जाएगा... हालांकि इस नहर से सिर्फ 30 से 40 हजार टन वाले छोटे और मझौले जहाज ही जा सकेंगे... .दरअसल कोस्ट गार्ड देश की समुद्री सीमा और उससे जुड़ी आर्थिक संपदा की रक्षा करता है... ऐसे में उसकी चिंता इस संपदा पर आने वाले खतरे को लेकर भी है।

अब बालू साहब क्या करेंगे। करूणानिधि के पास तो फिर भी मौका होगा अपने लोगो को ये समझाने का कि मैं अकेला क्या कर सकता हूं।

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