ऑस्कर समारोह-पर्दे के पीछे


वंदना

ऑस्कर समारोह हर साल अपने साथ लाता है वर्ष भर की बेहतरीन फ़िल्मों की झलकियाँ, कुछ ग्लैमर, फ़ैशन और उन लोगों से रूबरू होने का मौका जिन्होंने अपने उत्कृष्ट काम से सबको विश्व स्तरीय सिनेमा देखने के लिए दिया.

इसी चकाचौंध के बीच हर साल कुछ खट्टी-मीठी-कड़वी और अटपटी बातें भी घटती हैं.

रेड कार्पेट
शुरुआत करते हैं इसके आयोजन से ही. रेड कार्पेट सजाने के लिए 14 हज़ार वर्ग फ़ीट का इलाक़ा चाहिए होता है- आख़िर ऑस्कर रेड कार्पेट दुनिया की सबसे ग्लैमरस 'फ़ैशन परेड' कही जाती है.

और रही बात सजावट की तो इसके लिए करीब 60 हज़ार फूलों की ज़रुरत पड़ती है. वहाँ सात फ़ुट उँची ऑस्कर की मूर्तियाँ रखी जाती हैं जिनपर आयोजन से पहले सोने की परत चढ़ाई जाती है.

ऑस्कर देखने की तमन्ना
अगर आप इस फ़िल्मी महाकुंभ में आने वाली हस्तियों को देखने की हसरत रखते हैं तो आपको छह महीने पहले से पंजीकरण कराना पड़ता है. इनमें से ख़ुशकिस्मत 500 लोगों को चुना जाता है और आपको समारोह शुरू होने से 10 घंटे पहले आकर सुबह सात बजे आयोजन स्थल के बाहर लगे बेंचो पर बैठ जाना होगा.

अगर आप सोच रहें हों कि आप किसी तरह समारोह स्थल में घुस जाएँगे तो ग़लत है. छत पर पुलिस तैनात रहती है और इलाक़े को नो-फ़्लाई ज़ोन घोषित किया जाता है.

ऑस्कर से ट्रैफ़िक जाम
रेड कार्पेट पर तो भागमभाग मचती ही है, ऑस्कर के चलते हर साल लंबा चौड़ा ट्रैफ़िक जाम भी लग जाता है. हज़ार से ज़्यादा चमचमाती लिमोज़ीन की क़तार सड़क पर लग जाती है.

कहते हैं कि 1988 में इस कदर जाम लगा कि आयोजन स्थल से कुछ दूर पहले से कई सितारों को अपनी कार छोड़कर पैदल ही आना पड़ा.

किसने की मेज़बानी
ऑस्कर समारोह को मनोरंजक बनाए रखना भी अपने आम में चुनौतीपूर्ण काम होता है. ऑस्कर में प्रस्तुति देना और परफ़ॉर्म करना कोई आम बात नहीं है. लेकिन इस मेहनत के लिए आमतौर पर इन हस्तियों को विशेष तोहफ़े भी मिलते हैं जिनकी क़ीमत एक लाख डॉलर तक हो सकती है. वैसे ऑस्कर की सबसे ज़्यादा बार मेज़बानी करने का रिकॉर्ड बॉब होप के नाम हैं जिन्होंने 17 बार मेज़बानी की है.

बात मेज़बानी की चली है तो वो मनोरंजन तो करता ही है साथ ही उसके लतीफ़ों और व्यंग्य से ऑस्कर समारोह भी अछूता नहीं रहता-ये बाक़ायदा उसके काम में शामिल होता है.

सबसे लंबा ऑस्कर भाषण
अब बात करतें हैं कि ऑस्कर विजेताओं की जिन पर सबकी नज़र रहती है और इस पर भी वे क्या स्पीच देंगे. जीतने के बाद सबसे लंबी स्पीच देने का रिकॉर्ड गरीर गार्सन के नाम है जिन्होंने 1943 में पांच मिनट से ज़्यादा का भाषण दिया था जबकि जॉन मिल्स ने सबसे छोटी स्पीच दी- उन्होंने कुछ कहा ही नहीं.

सबसे कम उम्र की विजेता
टेटम ओ नील ने महज़ दस साल की उम्र में सर्वश्रेष्ठ सह-अभिनेत्री का पुरस्कार जीता था. जबकि छह वर्षीय शर्ली टेंपल को ऑनोररी ऑस्कर पुरस्कार दिया गया था.

नहीं मिला ऑस्कर
लेकिन कुछ उम्मीदवार और फ़िल्में इतने ख़ुशकिस्मत नहीं होती. साउंड मिक्सर केविन ओ कोनेल 20 बार नामांकित हो चुके हैं लेकिन जीते एक बार भी नहीं.

स्टीवन स्पीलबर्ग की फ़िल्म द कलर पर्पल को 11 नामांकन मिले थे लेकिन एक में भी जीत नहीं मिली थी.

जबकि 1970 में पहली बार ( और आख़िरी बार) किसी एक्स रेटिड फ़िल्म- मिडनाइट काओबॉय को ऑस्कर मिला.

मीडिया
विजेताओं का नाम जानने के लिए तमाम मीडियावालों को हर साल ऑस्कर समारोह के लाइव प्रसारण का इंतज़ार करना पड़ता है कि कब विजेता का नाम सुनहरे लिफ़ाफ़े से निकाल कर सुनाया जाए. लेकिन आयोजन के पहले 10 सालों तक मीडिया की ज़रूरत को ध्यान में रखते हुए उन्हें विजेताओं के बारे में पहले ही इत्तला दे दी जाती थी ताकि अख़बार सुबह के लिए इस ख़बर को समय रहते छाप सकें.

टेलीविज़न पर पहली बार अवॉर्ड 1953 में दिखाए गए थे और 1966 में पहली बार लोगों ने रंगीन प्रसारण देखा. अकादमी ऑफ़ मोशन पिक्चर्स आर्ट और साइंस का गठन सबसे पहले 1927 में ग़ैर सरकारी संगठन के तौर पर हुआ था. आज की तारीख़ में इसमें छह हज़ार सदस्य है.

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