ताज महल- कई पेंच, कई सच...पार्ट-1
हाल ही में एक मित्र ने एक मेल फारवर्ड किया तो आंखे खुली की खुली रह गयी, थोडा और रिसर्च किया तो वाकई कई चौकाने वाली चीजे सामने आयी,ताज के बारे में बहुत कुछ एसा है जो कि Transparent नही है। सरकारो ने भी उसे जानने के लिये बहुत कुछ नही किया। मामला अदालत मे भी गया। इसे लेकर पुरूषोत्तम नरायण ओक ने खोजबीन की और एक किताब भी लिखी थी “ Taj –A True Story” भी लिखी थी, जिसे भारक सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया था, और कुछ इतिहासकारो नें ओक के काम को देश में सांप्रदायिक माहौल बिगाडने की कोशिश करार दिया था। लेकिन क्या किसी काम को सिर्फ इसलिये नजरअंदाज कर देना चाहिये क्योकि विचारधारा से मैच नही खाता। सच या शंका का समाघान तो किया ही जाना चाहिये। ताकि यदि किसी को शक है तो उसका खात्मा किया जा सके। और दूध का दूध पानी का पानी लोगो के सामने आ सके। ओक के काम को रोका गया और उनको खोज नही करने दी गयी। खैर तमाम बाते है जो बहस का विषय हो सकती है वो तमाम सवाल जो श्री ओक ने उठाये थे वो सामने है। ताज महल के बारे में जो बात हम सब जानते हैं। वो आम तौर पर ये हैं
1. मुगल शासक शाहजांह की बेगम का नाम मुमताज महल था, जिसे शाहजांह बहुत प्यार करता था, और मुमताज महल की याद में ही शाहजांह ने शानदार इमारत का निर्माण कराया था, जिस मुमताज महल के नाम पर ताज महल रखा गया।
2. ताज महल का निर्माण मुमताज की मौत के बाद बनाने का फैसला किया था। और इसे बनाने में तकरीबन 22 साल (1631-1653)लगे थे।
3. ताजमहल एक मुस्लिम वास्तुकला का नमूना है। इसके निर्माणकर्ता के हाथ कटवा दिये थे।
4. यदि किसी की याद मे इतनी खूबसूरत इमारत बनवाया था, तो जब निर्माण पूरा हुआ तो मुमताज को जब दफन किया गया तो यकीनन शाही अंदाज मे किया गया होगा , तो उसकी कोई तारीख का कही कोई जिक्र क्यो नही किया।
1. मुगल शासक शाहजांह की बेगम का नाम मुमताज महल था, जिसे शाहजांह बहुत प्यार करता था, और मुमताज महल की याद में ही शाहजांह ने शानदार इमारत का निर्माण कराया था, जिस मुमताज महल के नाम पर ताज महल रखा गया।
2. ताज महल का निर्माण मुमताज की मौत के बाद बनाने का फैसला किया था। और इसे बनाने में तकरीबन 22 साल (1631-1653)लगे थे।
3. ताजमहल एक मुस्लिम वास्तुकला का नमूना है। इसके निर्माणकर्ता के हाथ कटवा दिये थे।
4. यदि किसी की याद मे इतनी खूबसूरत इमारत बनवाया था, तो जब निर्माण पूरा हुआ तो मुमताज को जब दफन किया गया तो यकीनन शाही अंदाज मे किया गया होगा , तो उसकी कोई तारीख का कही कोई जिक्र क्यो नही किया।
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