पाकिस्तान क्या वाकई परेशान है तालिबान से


पाकिस्तान में जिस तरह के हालात पर भारतीय मीडिया में रोज़ रिपोर्टिंग हो रही है...उसका लब्बोलुबाब ये ही होता है कि पाकिस्तान वो ही काट रहा है, जो उसने बोया था, और कहीं ना कहीं भारतीय पाकिस्तान की इस त्रासदी में खुश होते हैं...लेकिन क्या वाकई पाकिस्तान उतना परेशान है, या फिर हम कुछ ज्यादा ही चिल्ला रहे हैं...हाल ही में हुये कुछ घटनाओं ने ये संकेत जरूर दिये...कि पाकिस्तान में हालात बेकाबू हो गये है,..लेकिन हकीकत अलग है...जिस तरह से अमेरिका के दबाब में पाकिस्तान के सेना अघ्यक्ष जनरल अशफाक़ क़यानी ने एक संकेत दिया औऱ तालिबानी बुन्नेर को छोडकर भागे, वो बहुत कुछ बयां करते है...दरअसल पिछले कुछ दिनों में पाकिस्तान के उत्तर पश्चिम में जो भी होता रहा है..धमाके , हत्याये, तालिबान का दबदबा , वो विश्व में निराशा और डर के अलावा एक सवाल भी पैदा करता रहा है, कि क्या हुआ पाकिस्तान की फौज को, वो फोज जो कि भारत के साथ धास खाकर भी लडने का जज़्बा रखती थी, क्यो तालिबानी पाकिस्तान की पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्सेस पर हमला करते रहे है, और फोज चुपचाप देखती रही, ये खबरे आती रही कि हाल ही में अमेरिका समेत पूरी दुनियां के लिये सिरदर्द साबित हुये बेतुल्ला मेहसूद पर आखिर आईएसआई की तरफ से कुछ क्यों नही कहा जा रहा...क्यो पाकिस्तान के हुक्मरान खासकर राजनेता तो चिंता जताते रहे , लेकिन पाकिस्तान के इन हुक्मरानो की पेशानी पर बल नही पडते...क्या य़े दिखावा है पूरी दुनियां को , अमेरिका को, जिनसे डालर आने है...भारत को ,जिसके यंहा आतंकवादी भी भेजने हैं...और ये भी कहना है कि देखो , हम भी परेशान है, औऱ ये काम तो उन तंजीमों का है, जिन पर हमारा वश नही चलता,ये फोरन बॉडी है...ये इस कदर बेखोफ है, कि श्रीलंका की टीम पर भी हमला करने से नही चूकते...ये खबर तो आती है कि पाकिस्तान की सरकार ने स्वात धाटी को तालिबान के हवाले कर दिया है, लेकिन ये बात सामने नबी आती कि इनके खिलाफ फोज क्यों नही उतरती, बिना लडे किसी देश की फौज देश का कोई हिस्सा कैसे हालात के हवाले कर सकती है...लोग कह सकते है कि हमारे देश में भी बहुत सी जगहों पर नक्सलिंयो का खौफ रहता है, लेकिन फोज या सरकार उनके सामनें यू नतमस्तक नही होती, जब जब पुलिस, पैरामिलिट्री को भेजा जाता है, तो ये नक्सली भाग खडे होते है...यानी सवाल ये कि दुनियां के किसी भी हिस्से में इस तरह के अतिवादी लोग हो सकते है, और हुये है, लेकिन फौज बिना लडे उस हिस्से को नही छोडती...लेकिन पाकिस्तान में ये बात कभी सामनें नही आती थी कि क्यो फौज कदम उठा रही, वो फोज जिसके पास परमाणु ताकत है. वो अपने ही बनाये, और पाले तालिबान से कैसे खौफज़दा हो सकती है...कंहा से आ रहे है हथियार इन तालिबानियों के पास , और यदि ये कहा जाये कि रूस से लडने के लिये खुद पाकिस्तान और अमेरिका ने ये एके-47 सीरीज़ के हथियार दिये थे, तो रूसियों को अफगानिस्तान छोडे हुये 20 साल हो गये,,,हथियार उनके पास रह भी गये तो गोली और बारूद कंहा से आ रहे हैं...क्या पाकिस्तान की फौज , पुलिस को नही पता कि ये हथियार गोला बारूद कंहा से आ रहा है...कोई ये सवाल नही करता...या करना नही चाहता...गोया कि स्वात में ये कबीलाई ही गोलियां और बम बनाते है...खबर ये भी है कि चीन मदद कर रहा है. लेकिन अगर ये सच है तो चीन तो पाकिस्तान का बेहतर दोस्त है...अगर चाहे तो क्या ये मदद बंद नही हो सकती...और कोई विरोध भी नही होता...लेकिन ये सवाल है, सच्चाई ये कि पाकिस्तान का तंत्र ये सब जानता है, और चाहता है कि ये सब चलता रहे, क्योकि इनसे उनकी दुकानें चलती है...अमेरिका से मदद मिलती है...मुंबई पर हमला होता है, तो खबर ये आती है कि पाकिस्तान की फौज इसमें शामिल रही थी...जो नये सिरे से भारत-पाकिस्तान में तनाव पैदा करना चाहते थे...लेकिन जब भारत की तरफ से दबाव ज्यादा हो गया तो श्रीलंका की टीम पर एक दिखावटी हमला करवा दिया...अपने ही कुछ पुलिस वाले मरवा दिये....लेकिन जांच में कुछ नही निकला...औऱ जब ये खबर आ रही थी, कि तालिबानी बढते जा रहे है,,...और उनका कब्जा फैल रहा है...वो इस्लामाबाद के नज़दीक है...कोई 60 किलोमीटर दूर रह गये है...तो अचानक कुछ फोन कॉल वाशिंगटन और इस्लामाबाद के बीच हुये, और चंद घंटो में तालिबानी बुन्नेर को छोडकर चले गये...मुमकिन जिस दिन जनरल अशफाक कयानी चाहेंगे, तो स्वात भी खाली हो जायेगा..ये वो ड्रामा है जो पाकिस्तान में खेला जा रहा है...और इसकी डोर कुछ लोगो के हाथ में है...तो कहा ये ही जा सकता है कि पाकिस्तान में यदि आतंकवाद को खत्म करना है,या हाशिये पर लाना है, तो अमेरिका को कहना पडेगा...26 नवंबर को मुबई हमलो के आरोपी कभी नही पकडे जायेंगे, लेकिन अगर उनको भारत लाना है तो दबाव बनाना है तो पाकिस्तान पर नही ,अमेरिका पर बनाना होगा...भारत को ये सीखना होगा कि अपना हित सर्वोपरी रखना है तो दबाब की कूटनीति लानी होगी, पाकिस्तानी इसमें हमसे बेहतर है....







टिप्पणियाँ

Sachin Agarwal ने कहा…
pakistan is a failed nation. till now they dont know what to do with thier national identity.
let's just wait and see it die its natural death.

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