अपना हाथ-जगन्नाथ लेकिन कौन सा?

चिकित्सा विज्ञान ये मानता है कि हमारा मस्तिष्क बाएँ और दाएँ दो भागों में बंटा हुआ है और बांया हिस्सा दाएँ की अपेक्षा अधिक प्रभावशाली है. सभी जानते हैं कि मस्तिष्क हमारे शरीर का नियंत्रण करता है. मस्तिष्क से नाड़ियां शरीर के अलग अलग हिस्सों में जाती हैं और शरीर की गतिविधियों को नियंत्रित करती हैं. बाएँ हिस्से से निकलने वाली नाड़ियां गरदन पर आकर शरीर के दाएँ हिस्से में चली जाती हैं जबकि दाएँ हिस्से से आने वाली नाड़ियां शरीर के बाएँ भाग में. यानी शरीर के विभिन्न अंग मस्तिष्क के विपरीत हिस्सों से जुड़े होते हैं.

आमतौर पर लोगों के मस्तिष्क का बायाँ हिस्सा अधिक शक्तिशाली होता है लेकिन कुछ लोगों में दायाँ हिस्सा ज़्यादा प्रमुख रहता है और ऐसे लोग बाएँ हाथ से काम करते हैं. दुनिया में कोई चार प्रतिशत लोग बाएँ हाथ से काम करते हैं. लेकिन इन चार प्रतिशत में बहुत से नामी गिरामी लोग आते हैं जैसे अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ़ कैनेडी और बिल क्लिंटन, महारानी विक्टोरिया, वैज्ञानिक और कलाकार लियोनार्डो डा विंची, फ़िल्म निर्देशक चार्ली चैपलिन, क्यूबा के राष्ट्रपति फ़िदेल कास्त्रो, अमिताभ बच्चन और सौरव गांगुली.

साभार-बीबीसी

टिप्पणियाँ

vah kitna sochte hain aap bahut achha hai koi tareeka nikalen ki log do haathon se kaam karne lagen vaise aaj kal neta do haathon se kaam karne lage hain ek haath se adhik loota nahi ja sakta
sushant jha ने कहा…
पोस्ट का स्टिंग(शीर्षक)कमाल का हैं!!
वैसे अपने हाथ के लिये जिसे चुना गया है उन जगन्नाथ जी की मुर्ती खुद बिना हाथों के हैं।
बहुत अच्‍छी पोस्‍ट....

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