एक वो है और एक ये है....
बराक ओबामा को पिठले कई महीनो से सुन रहा था, वो हर लहजे से राष्टपति लगते थे, चाल ढाल, बात चीत का लहजा, सोच, परिपक्वता, एसा लगता था, कि कोई राष्टपति बोल रहा है, उनके मुकाबले ज़ॉन मकैन हारी बाजी लडते दिखायी देते थे..लेकिन जब परिणाम आया और मकैन ने जिस शालीनता का परिचय देते हुये हार स्वीकारी, वो दिल को छू गया, मकैन की बात- कि सिनेटर ओबामा से मेरे मतभेद थे और शायद रहेंगे, लेकिन वो आज जीते है, और कल वो मेरे राष्टपति होंगे मैं उन्हे सलाम करता हूं, और उनके साथ मुल्क के लिये काम करूंगां,ये एक बडे विज़न के नेता का कथन था, जब ये सब शिकागो में चल रहा था, तो इधर भारत में खबर आयी कि उमा भारती ने सरेआम अपने ही महामंत्री को थप्पड मार दिया क्योकि उसने उनके विरोधी होते जा रहे प्रह्लाद से नजदीकी बना ली थी,,,,मन निराशा से भर गया,,,एक वो है और एक ये है....
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