राजीव जैन ने और एक और बडे भाई ने सलाह दी कि मेरा क्या होगा गब्बर व्यक्तिगत आक्षेप होगा, उससे बचना चाहिये। मेरा तर्क एंकरिग के पहलू को लेकर था। लेकिन व्यक्तिगत हमले का पक्षधर नही था। लिहाजा वो लेख हटा रहा हूं।
टिप्पणियाँ
बेनामी ने कहा…
इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
इसी लिए तो बंधु अँग्रेज़ी ही बेहतर है. पर क्या करे है तो हिंदीभाषी और हिन्दी चैनलों की ये दशा देख कर कोफ़्त होती है. ये हिन्दी की नौटंकी देखकर हमारे अँग्रेज़ी के पत्रकार मित्र रोज़ सुबह व्यंग के तीर छोड़ते है. कब ये लोंग कुछ सीखेंगे और हम भी एक अच्छी स्टोरी पर सीना ताने कुछ कह पाएगें.
टिप्पणियाँ
पर जरा नौकरी का ख्याल रखिएगा
कही लोग आपके ही पीछे न पड जाएं