जूते टांग दो बकनर बाबा


सिडनी टैस्ट किसी बात के लिये याद रखा जायेगा तो वो धटिया दर्जे की एंपायरिंग के लिये...कहने को दुनियां के दो सबसे सीनियर एंपायर और वो भी आईसीसी के इलीट पैनल वाले एंपायर से एक नही, दो नही, तीन नही...बल्कि पांच दफा गलती हुयी...बकनर 62 साल के हैं...ये उम्र उम्रदराज मानी जाती है...सुनायी कम देने लगता है...दिखायी कम देता है...और फिर पिछले तीन चार सालो से बकनर बाबा का रिर्काड भी बेहतर नही रहा है...भारत से लगता है कि कुछ ज्यादा ही खुन्नस है...LBW विकेट के पीछे कैच एसे तमाम मामले रहे है जो मेरे हिसाब से उनकी विस्वशनीयता पर सवाल उठाते रहे है...जब आईसीसी और हर बोर्ड खिलाडियो को उनके प्रदर्शन के हिसाब से रैंकिग देता है या टीम में अंदर बाहर करता है तो ये पैमाना एंपायरर्स के साथ भी लागू किया जाना चाहिये...कहने को लोग कह सकते है कि ये हायतौबा इसलिये मच रही है, क्योकि भारतीय टीम को नुकसान पंहुचा है...लेकिन कल को आस्ट्रेलिया भी सफर कर सकती है...नुकसान टीमो का कम क्रिकेट का है...भारत या आस्ट्रेलिया कोई भी टीम ये टैस्ट हार जाती है तो रिर्काडबुक मे सिर्फ ये दर्ज होगा कि कौन टीम हारी या किसने कितने रन बनाये...एंपायर ने कितना बेडागर्क किया ये कोई याद नही रखेगा...इस लेबल पर इतनी बडी गलतिंया कोई बर्दाश्त नही करता, और वो भी इतनी बार...हमे ये भी याद रखना होगा कि एंपायरर्स का कद बहुत बडा माना जाता रहा है..उनको जज के बराबर समझा जाता रहा है...लेकिन रोज आती तकनीक ने उनका काम आसान कर दिया है....सारी दुनिया आज टीवी सैट के सामने बैठ कर देखती है...एक एक चीज, बारीक से बारीक गलती पकड मे आती है...कमेंटेटर आपकी पैंट उतारने को तैयार बैठे रहते है...और उतारते भी है...फिर इस तकनीक का इस्तैमाल क्यो नही करते ये मूर्धन्य एंपायरर्स....मुझे लगता है कि पुरानी मानसिकता आडे आती है...एंपायर के विवेक से निर्णय दिये जाते रहे है..ये टैक्नौलोजी एपायर के वर्चस्व को चुनौती देती है...इसीलिये ये महानुभाव इसकी आलोचना करते रहते है...और इसका इस्तैमाल से बचते हैं...लेकिन ये पब्लिक है, सब जानती है...पहले जैसा माहौल तो है नही कि गलत दे दिया तो कोई देखने वाला नही है...लिहाजा यदि इस खेल को बचाना है तो तकनीक का बेहतर इस्तैमाल हो और जवान हाथो में हो...एंपायर की एक उगली किसी भी खिलाडी का करियर बर्बाद कर सकती है....इसलिये बकनर बाबा जैसे महानुभावो को ये याद रखना जरूरी है कि आप की गलती मामूली नही है...किसी की जान पर बन आ सकती है...


अशोक मलहोत्रा पूर्व भारतीय क्रिकेटर

टिप्पणियाँ

लोकप्रिय पोस्ट