उसूलों पे जहाँ आँच आये टकराना ज़रूरी है जो ज़िन्दा हों तो फिर ज़िन्दा नज़र आना ज़रूरी है नई उम्रों की ख़ुदमुख़्तारियों को कौन समझाये कहाँ से बच के चलना है कहाँ जाना ज़रूरी है थके हारे परिन्दे जब बसेरे के लिये लौटे सलीक़ामन्द शाख़ों का लचक जाना ज़रूरी है ...
- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप
लोकप्रिय पोस्ट
Sachin retires: One-day cricket’s finest batsman declares with nothing left to prove
- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप
टिप्पणियाँ