'पाकिस्तान अस्तित्व के लिए लड़ रहा है'
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ़ अली ज़रदारी ने रिचर्ड हॉलब्रुक से कहा है कि उनका देश अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहा है. हॉलब्रुक पाकिस्तान के लिए अमरीका के विशेष दूत हैं.
ज़रदारी ने कहा कि चरमपंथ और कट्टरवाद से लड़ने के लिए पाकिस्तान को बिना शर्त अमरीका का समर्थन चाहिए.
वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा है कि अमरीका और पाकिस्तान तभी साथ-साथ काम कर सकते हैं अगर वो एक दूसरे पर भरोसा और सम्मान करते हैं.
ये बात शाह महमूद क़ुरैशी ने इस्लामाबाद में रिचर्ड हॉलब्रुक के साथ पत्रकार वार्ता में कहीं.
शाह महमूद क़ुरैशी ने माना कि पाकिस्तान और अमरीका में आपसी भरोसा की कमी है, ख़ासकर पाकिस्तानी धरती पर अमरीका के मिसाइल हमलों को लेकर.
मतभेद
पाकिस्तानी मंत्री ने इससे पहले रिचर्ड हॉलब्रुक और अमरीका के ज्वाइंट चीफ़्स ऑफ़ स्टॉफ़ एडमिरल माइक मलेन के साथ मुलाकात की.
महमूद क़ुरैशी ने बराक ओबामा की नई नीति के सकारात्मक पहलूओं की तारीफ़ की है जिसमें मदद को दस गुना करने की बात शामिल है. लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि जहाँ तक अफ़गान सीमा के पास अमरीकी मिसाइल हमलों की बात है तो पाकिस्तान और अमरीका में मतभेद हैं.
बीबीसी संवाददाता का कहना है कि बराक ओबामा की नीति का एक पहलू ये है कि पाक-अफ़ग़ान सीमा पर चरमपंथियों के गढ़ों का सफ़ाया किया जाए. पाकिस्तान की आपत्ति के बावजूद वहाँ ड्रोन हमले जारी हैं.
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर मई में अफ़ग़ानिस्तान और अमरीका के साथ त्रिपक्षीय बातचीत की जाएगी.
वहीं अमरीका के दोनों विशेष दूतों ने कहा कि पाकिस्तान के साथ सकारात्मक साझेदारी जारी रहेगी जिसमें अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान का समर्थन करना भी शामिल है.
एडमिरल मलेन ने उम्मीद जताई कि इस तरह के साझेदारी से दोनों देशों के बीच भरोसा जगेगा. हालांकि वे इस सवाल का जवाब देने से बचते रहे कि अमरीका पाकिस्तान को क्यों ड्रोन उपलब्ध नहीं करवाता है ताकि वो ख़ुद चरमपंथियों पर हमला कर सके.
ज़रदारी ने कहा कि चरमपंथ और कट्टरवाद से लड़ने के लिए पाकिस्तान को बिना शर्त अमरीका का समर्थन चाहिए.
वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा है कि अमरीका और पाकिस्तान तभी साथ-साथ काम कर सकते हैं अगर वो एक दूसरे पर भरोसा और सम्मान करते हैं.
ये बात शाह महमूद क़ुरैशी ने इस्लामाबाद में रिचर्ड हॉलब्रुक के साथ पत्रकार वार्ता में कहीं.
शाह महमूद क़ुरैशी ने माना कि पाकिस्तान और अमरीका में आपसी भरोसा की कमी है, ख़ासकर पाकिस्तानी धरती पर अमरीका के मिसाइल हमलों को लेकर.
मतभेद
पाकिस्तानी मंत्री ने इससे पहले रिचर्ड हॉलब्रुक और अमरीका के ज्वाइंट चीफ़्स ऑफ़ स्टॉफ़ एडमिरल माइक मलेन के साथ मुलाकात की.
महमूद क़ुरैशी ने बराक ओबामा की नई नीति के सकारात्मक पहलूओं की तारीफ़ की है जिसमें मदद को दस गुना करने की बात शामिल है. लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि जहाँ तक अफ़गान सीमा के पास अमरीकी मिसाइल हमलों की बात है तो पाकिस्तान और अमरीका में मतभेद हैं.
बीबीसी संवाददाता का कहना है कि बराक ओबामा की नीति का एक पहलू ये है कि पाक-अफ़ग़ान सीमा पर चरमपंथियों के गढ़ों का सफ़ाया किया जाए. पाकिस्तान की आपत्ति के बावजूद वहाँ ड्रोन हमले जारी हैं.
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर मई में अफ़ग़ानिस्तान और अमरीका के साथ त्रिपक्षीय बातचीत की जाएगी.
वहीं अमरीका के दोनों विशेष दूतों ने कहा कि पाकिस्तान के साथ सकारात्मक साझेदारी जारी रहेगी जिसमें अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान का समर्थन करना भी शामिल है.
एडमिरल मलेन ने उम्मीद जताई कि इस तरह के साझेदारी से दोनों देशों के बीच भरोसा जगेगा. हालांकि वे इस सवाल का जवाब देने से बचते रहे कि अमरीका पाकिस्तान को क्यों ड्रोन उपलब्ध नहीं करवाता है ताकि वो ख़ुद चरमपंथियों पर हमला कर सके.
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