जिन्दगी यू भी



टिप्पणियाँ

पलाश ने कहा…
'मोहल्ला' में घूमते-घूमते 'इंडिया बोल'गया...देखा तो आप हैं..."बाकी चैनलो मे काम तलाशने का सिलसिला" जारी है ये जानकर खुशी हुई और मज़ा भी आया...(मज़ा इसलिए कि कौन ऐसी बातें अपने मुंह से बोलता है)...आपके साथ बैठकर सियाचिन को जानने का बड़ा मन था...हो न सका...ब्लॉग पर लिखिए...सहारा छोड़ते समय आपसे मिल नहीं पाया था। एक दिन दिखे थे... सिर पर बाल आ गए हैं...वैसे अभी नया वाला चेहरा एक्सेप्ट नहीं हो पा रहा है।
नीरज

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